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Showing posts from January, 2020

सेहत के लिए जरूर अपनाएं, सरल मंत्र और उपाय

नई ऊर्जा, नई उमंग के लिए स्वस्थ रहना परम आवश्यक है। हमारे यहां कहावत है- पहला सुख निरोगी काया। पेश है निरोगी काया रखने के लिए कुछ अचूक टोटके।  यदि आपका ज्वर सारे उपाय कर लेने के बाद भी ठीक नहीं हो रहा हो, तो प्रभु पवनपुत्र हनुमान जी की शरण में जाएं, उनकी कृपा से रोग नष्ट हो जाते हैं। ' नाशै रोग हरे सब पीड़ा' अमावस्या या शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद हनुमान जी के मंदिर में पाकर प्रणाम करके उनके चरणों का सिंदूर ले आएं। फिर यह मंत्र सात बार पढ़कर मरीज के मस्तिष्क पर लगा दें। ' मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतांवरिष्ठं। वातात्मजं वानरयूथ मुख्‍यं श्रीरामदूत शरणं प्रपध्ये!' इससे ज्वर शीघ्र शांत हो जाएगा। 2.  सफेद आंकड़े की जड़ को लाकर स्त्री की बाईं एवं पुरुष की दाहिनी भुजा पर बांध एक दिन छोड़कर आने वाला बुखार उ कई लोगों को मोटापा घेर लेता है जो दुखदायी रहता है। मोटापा अनेक रोगों की जड़ है। पेश है मोटापा दूर करने के उपाय- मोटापा कम करने के लिए सरलतम टोटका अपनाएं। रविवार के दिन अनामिका अंगुली में काला धागा बांध ले एवं उसको रांगे की अंगूठी से ढंक लें, अर्था

12 एक्‍सरसाइज का सेट और 7 मिनट में पाइए फिट बॉडी

यह नया और जादुई दौर है. भागदौड़ भरी जिंदगी में हर किसी के पास समय की कमी है. ऐसे में फिट रहने के लिए घंटों जिम में या मैदान में पसीना बहाना सभी के लिए संभव नहीं है. लेकिन फिट रहना भी जरूरी है इसलिए फिटनेस रिसर्चर चाहते हैं कि आप कम समय में बेहतरीन फिटनेस पाएं. अमेरिकन कॉलेज ऑफ स्‍पोर्ट्स मेडिसिन ने ऐसे तेज और बेहतरीन एक्‍सरसाइज का नया सेट पेश किया है. इस फिटनेस सेट का कम से कम 7 मिनट तक रेगुलर एक्‍सरसाइज कर आप अपने शरीर और दिमाग को चुस्‍त व फुर्तिला बना सकते हैं. सेट की शुरुआत जंपिंग जैक से की जा सकती है. वॉल सिट्स के जरिए जांघ और टांगों को फायदा पहुंचा सकते हैं. इसके साथ ही इससे शरीर का संतुलन बनाने में मदद मिलती है. खासी मेहनत वाले ये एक्‍सरसाइज आप अपनी क्षमता के अनुसार कर सकते हैं. यानी इसे एक निश्चित गैप के साथ दोहराया भी जा सकता है. 3 एक्‍सरसाइज करने वालों में सबसे मशहूर पुश अप को भी इस सेट का हिस्‍सा बनाया गया है. इन एक्‍सरसाइज को तेजी से करने  की सलाह दी गई है. 4 एबडॉमिनल क्रंचेज के जरिए एब्‍स को शेप में लाया जा सकता है. रिसर्चर्स के मुताबिक, इस सेट

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ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का इतिहास व कहानी

12 ज्योतिर्लिंगों में से चतुर्थ ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर है। यह मध्य प्रदेश के शिवपुरी में स्थित है। यहाँ दो ज्योतिर्लिंगों की पूजा की जाती है। ओंकारेश्वर और अमलेश्वर। शिवपुराण के कोटिरुद्रसंहिता के 18 अध्याय में इसका वर्णन मिलता है। यही केवल एक ऐसा ज्योतिर्लिंग है जो नर्मदा के उत्तरी तट पर स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि ये तट ॐ के आकार का है। यहाँ प्रतिदिन अहिल्याबाई होल्कर की तरफ से मिट्टी से निर्मित 18 शिवलिंग तैयार करके नर्मदा नदी में विसर्जित किये गए हैं। मंदिर की इमारत पांच मंजिला है। यह ज्योतिर्लिंग पंचमुखी है। लोगों का मानना है कि भगवान शिव तीनों लोको का भ्रमण करके यहाँ विश्राम करते हैं। तभी रात्रि में यहाँ शिव भगवान जी की शयन आरती की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि भक्तगणों के सारे संकट यहाँ दूर हो जाते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि आप चाहे सारे तीर्थ कर लें लेकिन ओंकारेश्वर के दर्शन करे बिना अधूरे हैं। इसीलिए भक्तगण दूर-दूर से यहाँ भारी संख्या में आते हैं। Story 1   एक बार नारद जी भ्रमण करते हुए विंध्याचल पर्वत पर पहुंचे। वहां पर्वतराज विंध्याचल ने नारद जी का स्वागत कि

उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के पहले जान लें ये जरूरी बातें यदि आप मध्यप्रदेश की तीर्थनगरी  उज्जैन  में पुण्य सलिला शिप्रा तट के निकट स्थित 6ठी शताब्दी ईसा पूर्व में निर्मित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा  महाकालेश्वर  के दर्शन करने जा रहे हैं तो कुछ जरूरी बात अवश्य जान लें। *काल के दो अर्थ होते हैं- एक समय और दूसरा मृत्यु।  महाकाल  को 'महाकाल' इसलिए कहा जाता है कि प्राचीन समय में यहीं से संपूर्ण विश्व का मानक समय निर्धारित होता था इसीलिए इस  ज्योतिर्लिंग  का नाम 'महाकालेश्वर' रखा गया है। पौराणिक कथा के अनुसार इस  शिवलिंग  की स्थापना राजा चन्द्रसेन और गोप-बालक की कथा से जुड़ी है। *कालों के काल महाकाल के यहां प्रतिदिन अलसुबह भस्म आरती होती है। इस आरती की खासियत यह है कि इसमें ताजा मुर्दे की भस्म से भगवान महाकाल का श्रृंगार किया जाता है। इस आरती में शामिल होने के लिए पहले से बुकिंग की जाती है। *महाकाल के दर्शन करने के बाद जूना महाकाल के दर्शन जरूर करना चाहिए। कुछ लोगों के अनुसार जब मुगलकाल में इस शिवलिंग को खंडित करने की आशंका ब

अरेराज सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर

अरेराज का ऐतिहासिक सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर उत्तर बिहार का सबसे प्राचीनतम एवं प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जो मोतिहारी से 28 किलोमीटर पर दक्षिण में गंडक नदी के किनारे स्थित है। सावन माह में तथा अन्य पर्वो के अवसर पर लाखो श्रद्धालु भक्तजन देश तथा समीपवर्ती नेपाल से यहां लोग आते है। श्रावण में यहां मेला भी लगता है। पर्यटकों का यह प्रिय स्थल बन चुका है। पटना:  बिहार के मोतिहारी शहर से 28 किमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित अरेराज में भगवान शिव का प्रसिद्व मंदिर है जो सोमेश्वर शिव मंदिर कहलाता है। बिहार में तीन शिव धाम प्रसिद्ध हैं। जिनमें अरेराज का स्थान सबसे उपर है। इसके बाद मुजफ्फरपुर के गरीब नाथ व बक्सर, ब्रह्पुर के शंकर मंदिर आते हैं। माना जाता है कि सोमेश्वरनाथ एक कामनापरक पंचमुखी शिवलिंग हैं। जिसपर सावन महीने में कमल का फूल व गंगा जल चढ़ाने से सारी मनोकामना पूरी होती हैं। इस मंदिर का जिक्र स्कंद, पदम व बाराह पुराण में भी है। त्रेता युग में अपनी पत्नी सीता के साथ विवाह कर जनकपुर से अयोध्या लौटने के क्रम भगवान राम ने यहां पूजा की थी। इसी कारण, हर वर्ष जनकपुर में अगहन पंचमी को आयोजित होने

भगवान बुद्ध और महावीर स्वामी की नगरी वैशाली

बिहार में एक जिला है जिसका नाम वैशाली है। विश्‍व को सर्वप्रथम गणतंत्र का पाठ पढ़ने वाला स्‍थान वैशाली ही है। आज वैश्विक स्‍तर पर जिस लोकतंत्र को अपनाया जा रहा है वह यहां के लिच्छवी शासकों की ही देन है। लगभग छठी शताब्दी ईसा पूर्व नेपाल की तराई से लेकर गंगा के बीच फैली भूमि पर वज्जियों तथा लिच्‍छवियों के संघ (अष्टकुल) द्वारा गणतांत्रिक शासन व्यवस्था की शुरुआत की गयी थी। यहां का शासक जनता के प्रतिनिधियों द्वारा चुना जाता था। प्राचीनकाल में वैशाली बहुत ही समृद्ध क्षेत्र हुआ करता था। कहा जाता है कि इस नगर का नामकरण राजा विशाल के नाम पर हुआ है। विष्णु पुराण के अनुसार यहां पर लगभग 34 राजाओं ने राज किया था। पहले नभग और अंतिम सुमति थे। राजा सुमति भगवान राम के पिता राजा दशरथ के समकालीन थे। बौद्धकाल में यह नगरी जैन और बौद्ध धर्म का केंद्र थी। यह भूमि महावीर स्वामी की जन्मभूमि और भगवान बुद्ध की कर्मभूमि है। इसी नगर क्षेत्र के बसोकुंड गांव के पास कुंडलपुर में जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जन्म हुआ था। भगवान महावीर वैशाली राज्य में लगभग 22 वर्ष की उम्र तक रहे थे। यहां कई अशोक

भारतीय अर्थव्यवस्था

वर्तमान में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगातार गिरावट आती जा रही है, ब्याज की दरें ज्यादा होने के कारण लोग बैंकों से ज्यादा उधार नहीं ले रहे हैं. ऐसे माहौल ने रिज़र्व बैंक ने तय किया है कि अब वह 'ऑपरेशन ट्विस्ट' के जरिये देश में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देगा. पेमेंट बैंकों की स्थापना के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने 24 नवम्बर 2014 को दिशा निर्देश जारी कर दिए थे. इस समय देश में 7 पेमेंट बैंक काम कर रहे हैं जो कि शुरुआत में 11 थे. पेमेंट बैंकों को बचत खाता और चालू खाता खोलने की अनुमति होगी लेकिन वे क्रेडिट कार्ड नही दे सकेंगे. सितम्बर 1, 2018 को मोदी जी ने ‘इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक’ का उद्घाटन किया है. इस लेख में बताया गया है कि किस प्रकार 'इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक' आम आदमी के लिए फायदेमंद होगा? ‘ऑपरेशन ट्विस्ट’ का इतिहास (History of Operation Twist) दरअसल ऑपरेशन ट्विस्ट शब्द को सबसे पहले अमेरिका में एक गाने में इस्तेमाल किया गया था. वर्ष 1961 में चबी चेकर (Chubby Checker) का एक डांस बहुत मशहूर हुआ था जिसमें वह गाते हुए अपने पैरों को ट्विस्ट करते हुए डांस कर