दो बातों की गिनती करना छोड़ दे, खुद का दुःख और दूसरों का सुख, जिंदगी आसान हो जाएगी. मिली थी जिंदगी किसी के काम आने के लिए, पर वक़्त बीत रहा है, कागज़ के टुकड़े कमाने के लिए. ताश का जोकर और अपनों की ठोकर, अक्सर बाजी घुमा देते है.. जैसे जैसे उम्र गुज़रती हैं, एहसास होने लगता हैं, माँ बाप हर चीज़ के बारे में सही कहते थे.. HOME MENU
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