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मेरा गांव दरमाहा आर्टिकल राइटिंग निखिल कुमार My village Darmaha article writing Nikhil Kumar

                                                        मेरा गांव दरमाहा

दरमाहा नाम से ही स्पस्ट है दरबारियों का गांव , यहाँ दरबार शब्द से तात्पर्य है की यहाँ के सभी लोग दिल के बहुत अच्छे होते है चाहे उनके पास कुछ हो या न हो। यहाँ के लोग हमेसा वसुधेव कुटुंब की भावना रखते है। मेरे गांव दरमाहा के लोग हमेसा मित्र परायण होते है और यहाँ के सभी राजनीती में भी खूब इंट्रेस्ट लेते है। 



मुझे यहाँ की सबसे अच्छी बात ये लगती है की यहाँ के लोगो के बिच एक तो आपसी मतभेद ज्यादा होता नहीं है और यदि होता भी है तो तो मुसीबत के वक्त सभी एक दूसरे के साथ होते है। चाहे आपदा से सम्बंधित हो या कोई और सभी समस्याओ में  एक दूसरे के साथ खरे  होते है। 

दरमाहा गांव  की खूबसूरती तब नजर आती है जब वह पे कोई धार्मिक कार्य हो या किसी की लड़की की सदी हो इन सभी उत्सव में लोग एक दूसरे का खूब हाथ बटाते है।   

आज भी  यदि आपको एक सम्प्रदा एकता देखना है तो हमरे गांव दरमाहा के किसी भी उत्सव में शामिल हो के देखिये।  वो  चाहे  छठ पूजा हो  , होली हो , या  माँ दुर्गा की पूजा हो।

यहाँ के  सभ्यता आज भी जीवित है और आने वाले समय में बढ़ेगी ही। 
मुझे अपने गांव की सबसे अछि चीझ लगती है वो  है गांव का भोज(पार्टी ) आज भी यहाँ का भोज बिलकुल पुराने तरीके से होता है।  चाट पे निचे बिठा के भोजन कराया जाता है  बिलकुल पुराने तरीके से सवो बहुत अच्छा लगता है। 

आखिर ये सभी बाते हो क्यों ना क्योकि यहाँ एक ऐसी सक्ति का वाश है जो सभी की रक्षा करती है वो  है यहाँ की देवी माँ 

 वैसे माँ तो माँ होती है पर दरमाहा की इन देवी माँ को डिहवारी माता के नाम से जानते है।
इन माँ की महिमा अप्रम पार है और इनकी ख्याति दूर दूर तक फैली है।  मै जब भी गांव में रहा हूँ मैंने देखा है की माँ के दरबार  में हमेसा उनके भगत  अपनी इक्छा पूरण के बाद पूजा पाठ करवाते  है।  

मै अक्सर अपने माँ से दादी से माता की महिमा के बारे में सुना हूँ। 
यहाँ पर पूजा का विशेस दिन भी है अक्सर सोमवार और शुक्रवार  को श्रद्धालु माँ को खीर (खीर भोजन ) का भोग लगते है।  यहाँ हमेसा ही दूर दूर से सरधालु आकरके  अस्टजाम , हनुमान आराधना , शिव चर्चा , देवी पूजन आदि करते है। 
माँ के  मंदिर स्व ५-७ किलोमीटर की दुरी तक में भी किसी के यहाँ विवाह हो , जनेऊ हो , या फिर कोई भी पूजन हो हो लोग माँ का आशीर्वाद लेने जरूर आते है।  माँ सभी का कल्याण करती है।    
किसी भी भक्त को कोई समस्या हो तो एक बार माँ के दरबार में स्रद्धा भगति से से आये और अपनी समस्या माँ से कहे उनकी साडी उद्भेदना माँ जरूर दूर करेंगी। यहाँ और भी माता सतो माता का मंदिर है। 
जय माता रानी।  जय डिहवारिन माता।
 माता के मंदिर के पास में ही हनुमान मंदिर है। संकट मोचन हनुमान को दरमाहा के लोगो ने अपने गांव की सन्ति और बल बुद्धि की वृद्धि के लिए बैठा रखा है। यहाँ हर वर्ष सावन माह के नवमी तिथि को महावीरी झंडा मेला का आयोजन होता है।  इस मेले में दूर दूर से पहलवानो को बुलाकर दंगल का आयोजन किया जाता है।  बहुत ही विशाल संख्या में लोग आकरके मेले का और दंगल का आनंद लेते है।  जय बजरंग बलि।  जय  श्री राम।

देवी माँ के प्रांगण में हर वर्ष आश्विन माह में देवी की विषेस पूजा होती है।  यहाँ दूर दूर से सरधालु आते है।  पूजा में माँ के सभी भगत तन मन और धन से शामिल होते है। यहाँ की पूजा समिति सभी बातो को ध्यान में  रख कर पूजा में किसी प्रकार की परेशानी न हो भगतो को ध्यान में रख कर साडी तयारिया करती है। 
पूजा में हरेक वर्ष अलग अलग कार्य क्रम जैसे राश्लीला , रामलीला , उपदेश देने के लिए संत को भी बुलाया जाता है।

 

देवी माँ के मंदिर से लगभग १.५किलोमीटर पर शिव मंदिर और राम मंदिर है।  जोदरमाहा के कंसपुर टोले में  है।   


यहाँ पर शिव जी अपने पुरे परिवार के साथ विराजमान है।  और श्री राम लक्क्षमण सीता हनुमान जी भी विराजमान है।
यहाँ हर वर्ष सावन माह में एकादशी तिथि को महावीरी झंडा का आयोजन किया जाता है। जहा दंगल का भी आयोजन और मेले का आयोजन किया जाता है।


यही दरमाहा के एक टोला जिसे भुसोलवा धाम के नाम से जाना जाता है।  इसे  संतो की पवित्र भूमि भी कहा जाता है।  


यहाँ बहुत से तपस्वियों का समाधी स्थल भी है।  और भगवान्  शिव का मंदिर भी है।यहाँ हरेक वर्ष माँ दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करके अश्विन माह में पूजा भी होता है।  यहाँ हमेसा अस्टजाम होते रहता है।  वैसे इस स्थल की गरिमा तो पूर्व कल से ही है।  पर बिच में मंदिन के रौनक में कमी आने लगी थी  पर आज के समय में फिर  से मंदिर का विस्तार  हो चूका है और लोगो की आस्था दिन प्रतिदिन बढ़ती दिखती है  यहाँ के सभी लोगो को मंदिर के प्रति बहुत ही भावना जुड़ी है। 

आज के समय में इस मठ की जिम्मेदारी श्री पप्पू बाबा जी महाराज के हाथो में है।  जो की श्री  टंगुलिया बाबा के सिस्य श्री  नारद बाबा  जी के चेले है।  

वैसे यहाँ के बाबा श्री टंगुलिया जी महाराज के बारे में बहुत सी कहानिया प्रख्यात है।  मै  आपको कुछ कहानिया बताता हूँ।
कहा जाता है की इस मोठ में जब भी कोई कार्य आन  पार्टी थी तो बाबा पुरे गांव वालो को कार्य के लिए बुलाते थे और कार्य हो जाने के बाद उन्हें भोजन करते थे भोजन करने वाली बात बहुत रहस्मय हुआ करती थी।  बाबा अपने किसी भी आदमी को ये बोलकर भेज देते की जाव उस झारी के पीछे एक बर्तन में दही और चिवड़ा (पोहा ) रखा है ले आव और  व्यक्ति वह से ले आता था पता नहीं इसका क्या रहस्य था।  एक ये भी रहस्य था की बाबा लोगो के थाली में थोड़ा सा ही दही चुरा रखते थे जो लोगो को लगता था की इससे हमारा पेट  नहीं भरेगा पर उतने ही भोजन कर लेने से उनका पेट भर जाता था।  एक बार एक व्यक्ति ने बाबा से बोल दिया की बाबा इतने से मेरा पेट नहीं भरेगा तो उतने ही भोजन उसके जिए जाने अन्न का भंडार हो गया उससे ख़त्म ही नहीं हो रहा था  तब ो बाबा से माफ़ी माँगा और उसका कल्याण हुआ।  

एक बार की बात है जब श्री  टंगुलिया बाबा  मंदिर बनवाने के लिए पत्थर लेने गए थे  तो पत्थर लेने के बाद वे वह स्थित रेलवे स्टेशन पहुंचे मंदिर के उस पत्थर को अपने यहाँ लेन के लिए।  रेलवे अधिक्क्षक से बात किये तो अधिक्क्षक ने पत्थर ले जाने से मना कर  दिया  तो उन्होंने अपने टंगुली से ट्रैन पर एक तांगुली मर दिया तो  ट्रैन वह से नहीं चली।  तब बहुत म्हणत के बाद किसी ने बताया की टांगलिया बाबा ने ऐसा किया है तो अधिक्क्षक टांगलिया बाबा से प्रार्थना किया।  और मंदिर के पत्थर को लोडिंग के लिए त्यार हुआ तब ट्रैन चली। 

एक बार की बात है जब श्री  टंगुलिया बाबा  भंडारा कर रहे थे  तब भंडारे में पूरी निकलने के लिए तेल की कमी पारी तो बाबा ने किसी को गंगा घाट भेज दिया और बोले की जाव  गंगा माँ से बोलना की उनके बेटे टंगुली ने पूरी निकलने को तेल मंगाया है।  और ले आना।  वह से गंगा जी का जल लाया गया और उसी से पूरी निकलने लगे।  वो गंगा जल तेल बन गया।
और भी कहानियां बबाजी की है।  जो यहाँ फेमश है।  ये बाबा ठंढ में भी गंगा घाट पर महीनो धुनि रमाते  थे।  अंत में भुसोलवा के इसी मठ  में समाधी  ले लिए।

Darmaha Pin Code is 845432. Pin Code is also known as Zip Code or Postal Code. Darmaha is located in district East Champaran, Bihar, INDIA.

Office

Darmaha

Pincode

845432

Taluk

Kalyanpur

Division

East Champaran

District

East Champaran

Region

Muzaffarpur

Circle

Bihar

State

BIHAR

Country

INDIA

Telephone No.

NA

Office Type

B.O

Delivery Status

Delivery

Related Sub Office

Rajpur S.O (East Champaran)

Related Head Office

Motihari H.O










Comments

Anonymous said…
Article pasand aane pr like kare.

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  दो बातों की गिनती करना छोड़ दे, खुद का दुःख और दूसरों का सुख, जिंदगी आसान हो जाएगी. मिली थी जिंदगी किसी के काम आने के लिए, पर वक़्त बीत रहा है, कागज़ के टुकड़े कमाने के लिए. ताश का जोकर और अपनों की ठोकर, अक्सर बाजी घुमा देते है.. जैसे जैसे उम्र गुज़रती हैं, एहसास होने लगता हैं, माँ बाप हर चीज़ के बारे में सही कहते थे.. HOME MENU

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